Donald Trump की India-Russia Policy
Donald Trump जब भी कोई बयान देते हैं, तो पूरी दुनिया की नजरें उस पर टिक जाती हैं। चाहे वो China के खिलाफ हो, Pakistan पर हो या अब India-Russia के बढ़ते रिश्तों पर। इस बार ट्रंप का निशाना कोई छोटा देश नहीं, बल्कि दो बड़ी ताकतें—भारत और रूस—बनी हैं।
ट्रंप की हालिया रणनीति साफ दिखा रही है कि अब उनका असली टारगेट India और Russia की energy partnership है। खासकर जब भारत रूस से सस्ता कच्चा तेल (Crude Oil) खरीद रहा है और इस फैसले से अमेरिका को सीधे आर्थिक नुकसान महसूस हो रहा है।
Donald Trump ने अपनी political statements में कई बार यह जताया है कि भारत और रूस की growing closeness अमेरिका के global dominance के लिए खतरा बन सकती है। और यही वजह है कि अब ट्रंप ने diplomatic तरीके छोड़कर military intimidation की strategy अपनाई है।
ट्रंप का बदला हुआ रवैया: India-Russia की दोस्ती पर गहरी नजर
पहले ऐसा माना जा रहा था कि ट्रंप अपना ज्यादातर geopolitical focus China और Middle East पर बनाएंगे, लेकिन अब उनकी रणनीति धीरे-धीरे Russia और उसके सबसे करीबी partners पर शिफ्ट हो रही है।
India पिछले कुछ वर्षों से रूस से energy, defence और strategic technology में बहुत तेज़ी से सहयोग बढ़ा रहा है। अमेरिका इससे नाखुश है क्योंकि इससे dollar-based global trade system को झटका लग सकता है।
Donald Trump ने अपने एक बयान में कहा था, “Let them sink, dead economies can’t survive in a strong world.” यह बयान भारत और रूस दोनों को इशारों में धमकी देने जैसा था।
परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती: नया Power Move
ट्रंप की सबसे बड़ी चाल रही—Nuclear Submarines की तैनाती। हाल ही में अमेरिकी नौसेना ने दो परमाणु पनडुब्बियों को Russia के Eastern Naval Border के करीब तैनात किया है।
यह कोई सामान्य Deployment नहीं था। यह एक सीधा संकेत था कि अगर Russia पीछे नहीं हटा, तो अमेरिका किसी भी Military Action से पीछे नहीं हटेगा।
भारत की बात करें तो न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में ये कन्फर्म किया गया कि India अब भी Russia से भारी मात्रा में Crude Oil खरीद रहा है। अमेरिका को लगता है कि यह कदम पश्चिमी देशों द्वारा Russia पर लगाए गए sanctions को कमजोर करता है।
Russia का Dead Hand System: दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा?
Russia की पुरानी और खतरनाक military प्रणाली है जिसे “Dead Hand System” कहा जाता है।
यह एक ऐसा automatic nuclear retaliation system है जिसे अगर Russia के top leadership पर कोई हमला होता है या देश पर पूरा खतरा मंडराने लगता है, तो यह सिस्टम बिना किसी इंसानी आदेश के nuclear weapons launch कर देता है।
Russia के पूर्व राष्ट्रपति Dmitry Medvedev ने हाल ही में इस system का जिक्र करके सभी पश्चिमी देशों को चेतावनी दी कि यदि वे Russia को corner करने की कोशिश करेंगे, तो जवाब बहुत खतरनाक होगा।
ट्रंप की Immediate Strategy: Submarines से जवाब
Trump ने इस खतरे को हल्के में नहीं लिया। उन्होंने America की सबसे powerful submarines—Ohio class ballistic missile submarines—को तैनात कर दिया।
इन सबमरीनों को दुनिया में “Ultimate Second Strike Weapon” कहा जाता है। इनकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि कोई इन्हें ट्रैक नहीं कर सकता। ये गहरे पानी में छिपकर दुश्मन पर अचानक हमला कर सकती हैं।
ट्रंप जानते हैं कि Dead Hand System के मुकाबले सिर्फ ऐसे hidden weapons ही जवाब दे सकते हैं।
Russia का Earthquake और Submarine Base को नुकसान
Russia के Far East इलाके में हाल ही में एक बहुत ही ज़ोरदार Earthquake आया जिसकी तीव्रता 8.8 थी। इससे Russia के कई Coastal Military Bases, खासकर Submarine Base को सीधा नुकसान पहुंचा है।
इस भूकंप की वजह से Tsunami alert भी जारी हुआ, और Russia को अपने कुछ strategic operations रोकने पड़े। इसी दौरान Trump ने अपनी submarines Russia के नज़दीक भेज दीं ताकि उन्हें defensive mode में रखा जा सके और दबाव बढ़ाया जा सके।
America का दबाव: Ceasefire की तैयारी?
अब जब Russia कमजोर दिख रहा है—क्योंकि उसका coastal base डैमेज हुआ है और submarines पर risk बढ़ा है—तो America का अगला target है कि उसे Ukraine war में ceasefire के लिए मजबूर किया जाए।
Trump की यही रणनीति है कि Russia को military और economic दबाव के बीच लाकर उसे झुकाया जाए। और इसमें India की भूमिका भी अहम है, क्योंकि India अगर Russia से energy खरीदना बंद कर दे, तो Russia की economy को बहुत बड़ा झटका लगेगा।
India की स्थिति: Dilemma में फंसा भारत
भारत के लिए ये समय बेहद नाजुक है। एक तरफ उसकी Russia के साथ decades-old friendship है, जो defence और energy जैसे अहम sectors में बसी हुई है।
दूसरी ओर, America आज का सबसे बड़ा strategic partner है—चाहे वो trade हो, defence deals हों या global diplomacy।
अगर India, Russia के साथ खड़ा रहता है, तो उसे अमेरिका की नाराज़गी झेलनी पड़ सकती है। लेकिन अगर Russia से दूरी बनाता है, तो उसे तेल और defence equipment महंगे पड़ सकते हैं।
निष्कर्ष: ट्रंप की चाल और भारत का भविष्य
Donald Trump की नई geopolitical चालें अब India और Russia की traditional friendship पर सीधा असर डाल रही हैं। Submarines की तैनाती और Russia की कमजोरी को भुनाने की कोशिश यह दिखाती है कि आने वाले महीने काफी decisive होंगे।
India को अब बहुत सोच-समझकर कदम उठाने होंगे क्योंकि एक तरफ हैं पुराने allies और दूसरी ओर हैं strategic future partnerships।
साथ ही, इस तनाव के बीच भी Indian youth के पास अपने future को सुरक्षित करने का एक शानदार मौका है—tech skills सीखकर एक high-paying career शुरू करना।